राजस्थान में ऊर्जा विकास
राजस्थान के सर्वाधिक ऊर्जा प्राप्ति वाले स्त्रोत
- ताप विधुत
- जल विधुत
राजस्थान में सर्वाधिक ऊर्जा की संभावना वाला स्त्रोत
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- बायो गैंस
राजस्थान में ग्रामिण क्षेत्रों में ऊर्जा की संभावना वाला स्त्रोत – बायोगैंस
राजस्थान में सर्वाधिक बायोगैस प्लांट वाले जिले –
- उदयपुर
- जयपुर
राजस्थान में दुसरा परमाणु ऊर्जा सयंत्र – नापला(बांसवाड़ा मं निर्माणधीन 700*2 – 1400 मे. वा.)।
राजस्थान में नेप्था एवं गैंस पर आधारित विधुत सयंत्र – धौलपुर(110*3 – 330 मे. वा.)
राजस्थान में प्राकृतिक गैंस पर आधारित प्रथम विधुत सयंत्र – रामगढ़(जैसलमेर)।
राजस्थान में प्रथम बायो गैस आधारित विधुत सयंत्र – पदमपुर(गंगानगर)
बायोमास गैस
विलायती बबुल, चावल भूसी, तिल और सरसों की तुड़ी से निर्मित।
राजस्थान में लिग्नाइट कोयले पर आधारित प्रथम विधुत सयंत्र – गिरल(बाड़मेर 250 मे. वा. 2 इकाई 125)
राजस्थान में वर्तमान में दो सुपर थर्मल पावर प्लांट कार्यरत है।
सुरतगढ़(गंगानगर)
कोटा थर्मल(कोटा)
सुपर थर्मल पावर – इनकी क्षमता 1000 मे. वा. एवं अधिक होती है।
राजस्थान में वर्तमान में चार क्रिटिकल सुपर थर्मल पावर प्लांट निर्माणाधिन है।
सुरतगढ़(गंगानगर)
छबड़ा(बांरा)
काली सिंध(झालावाड़)
बांसवाड़ा
क्रिटीकल सुपर थर्मल पावर – इनमें एक इकाई की क्षमता 500 मे. वा. या अधिक होती है
सौर ऊर्जा
राजस्थान ने अपनी सौर नीति की घोषणा 19 अप्रैल 2011 को की।
सौर नीति घोषित करने वाला राजस्थान भारत का प्रथम राज्य है।
राजस्थान में प्रथम सौर ऊर्जा फ्रिज बालेसर(जोधपुर) में स्थापित किया गया।
राजस्थान में प्रथम सौर ऊर्जा सयंत्र मथानिया(जोधपुर) में स्थापित किया गया।
राजस्थान में नीजिक्षेत्र में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा सयंत्र खींवसर(नागौर) में स्थापित है।
राजस्थान में सौर ऊर्जा चलित प्रथम नाव पिछोला झील में चलाई गई।
राजस्थान में सौर ऊर्जा आधारित प्रथम दुरदर्शन रिले केन्द्र रावतभाटा चित्तौड़गढ़ में स्थित है।
राजस्थान में सौर ऊर्जा पार्क – बड़ाला(जोधपुर)।
राजस्थान में सौर ऊर्जा उपक्रम क्षेत्र(SEEZ) – जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर को घोषित किया गया है।
पवन ऊर्जा
राजस्थान सरकार ने अपनी पवन ऊर्जा नीति की घोषणा 18 जुलाई 2012 को की।
सार्वजनिक क्षेत्र में पवन ऊर्जा सयंत्र – 1. अमर सागर, जैसलमेर में।
यह राजस्थान का प्रथम पवन ऊर्जा सयंत्र है, 1999 में।
2. देवगढ़, प्रतापगढ़ में।
3. फलौदी, जोधपुर में।
राजस्थान विधुत नियामक प्राधिकरण(RERA)
स्थापना – 2 जनवरी, 2000
मुख्यालय – जयपुर
कार्य
- राजस्थान में विधुत कम्पनीयों को लाइसेंस देना।
- विधुत कम्पनीयों का नियमन और नियंत्रण करना।
- विधुत की दर तय करना।
राजस्थान में विधुत कम्पनीयां
19 जुलाई 2000 को राजस्थान राज्य विधुत मण्डल(RSEB) को भंग करके निम्न पांच कम्पनीयों में बांट दिया गया है।
- राजस्थान विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर
- राजस्थान विधुत प्रसारण निगम लिमिटेड, जयपुर
- जयपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर
- अजमेर विधुत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर
- जोधपुर विधुत वितरण निमग लिमिटेड, जोधपुर
राजस्थान अणु शक्ति सयंत्र(RAPP)
स्थापना – 1973 कनाड़ के सहयोग से की।
स्थित – रावतभाटा, चित्तौड़गढ़ में
आधारित – यूरेनियम। नाभिकीय ऊर्जा
क्षमता – 1350 मे.वा. की कुल 6 इकाईयां।
ये भारत में तारापुर(महाराष्ट्र) के बाद दुसरा सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा सयंत्र है।
छबड़ा थर्मल
छबड़ा सुपर थर्मल क्रिटिकल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की छठी इकाई के 28 जुलाई 2018 की रात सिंक्रोनाइज होने के बाद छबड़ा का थर्मल राज्य का सबसे बड़ा सर्वाधिक विधुत उत्पादन वाला थर्मल बन गया। छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट की एक हजार मेगावाट(250 की 4 ईकाईयां) की चार इकाईयों में विधुत उत्पादन जारी है। इसके साथ छबड़ा क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट की 5वीं इकाई को 2017 में सिंक्रोनाइज कर दिया था। वहीं थर्मल की 660 मेगावाट की छठीं इकाई को 28 जुलाई की रात को सिंक्रोनाइज कर दिया। इस तरह से दोनों थर्मलों की विधुत उत्पादन क्षमता 2320 मेगावाट होने के बाद इस वर्ष यह राज्य का सबसे बड़ा व सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाला थर्मल बन गया है।
छबड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट
कुल क्षमता – एक हजार मेगावाट
इकाइयां – चार(250-250 मेगावाट)
>छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
कुल क्षमता – 1320 मेगावाट
इकाइयां – दो(660-660 मेगावाट)
सुरतगढ़ सुपर थर्मल पावर प्लांट
स्थिती – सुरतगढ़, गंगानगर में।
ये राजस्थान का प्रथम सुपर थर्मल पाॅवर प्लांट है।
ये राजस्थान का दुसरा सबसे बड़ा विधुत सयंत्र है।
आधारित – तरल ईंधन एवम् लिग्नाइट कोयला।
क्षमता – 1500 मे. वा. की कुल 6 इकाईयां 250’6 – 1500 मे. वा.
निर्माणधीन – 660-660 मे. वा. की 7 व 8 इकाई
इसे राजस्थान का आधुनिक विकासतीर्थ कहते हैं।
कोटा सुपर थर्मल पावर प्लांट
स्थित – कोटा में
ये राजस्थान का दुसरा सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
ये राजस्थान का दुसरा बड़ा विधुत सयंत्र है।
आधारित – कोयला पर
क्षमता – 1240 मे. वा. की कुल 7 इकाईयां(110-110 मेगावाट की दो, 210-210 मेगावाट की तीन, 195-195 मेगावाट की दो)।
झालावाड़ काली सिंध थर्मल
कुल क्षमता – 1200 मेगावाट
इकाइयां -दो(600-600 मेगावाट)
राजस्थान में औद्योगिक विकास
निर्यात संवंद्र्धन एवं औद्योगिक पार्क(EPIP)
सहयोग – भारत सरकार
स्थित
1. सीतापुरा, जयपुर – भारत का प्रथम 1997 में।
2. बोरानाड़ा , जोधपुर
3. नीमराणा, अलवर
विशेष आर्थिक क्षेत्र(SEZ)
1. महिद्रा वल्र्ड सिटी, जयपुर – सुचना प्रौद्योगिकी हेतू
2. महिद्रा वल्र्ड सिटी, जयपुर – हेण्डीक्राफ्ट हेतू
3. महिन्द्रा वल्र्ड सिटी, जयपुर – ओटो मोबाइल हेतू
4. सीतापुरा फेज -1, जयपुर – जेम्स एण्ड ज्वैलरी हेतू
5. सीतापुरा फेज -2, जयपुर – जेम्स एण्ड ज्वैलरी हेतू
6. वोरानाड़ा, जोधपुर – हैण्डीक्राफ्ट हेतू
औद्योगिक पार्क
1. बायोटेक्नोलाजी पार्क – 2
सीतापुरा, जयपुर
भिवाड़ी, अलवर
2. सुचना प्रौद्योगिकी पार्क – 4
जयपुर
जोधपुर
उदयपुर
कोटा
3. स्पाईस पार्क(मसाले का) – कोटा, जोधपुर में
4. एग्रो फ्रुट पार्क – कोटा, जोधपुर, गंगानगर, अलवर
5. स्टोन पार्क – मण्डोर(जोधपुर), धौलपुर, करौली
6. चमड़ा काम्पलेक्स – मानपुरा- माचेड़ी, जयपुर
7. ऊन काम्पलेक्स – बीकानेर व ब्यावर
8. कोरियाई पार्क – नीमराणा(अलवर)
9. जापानी पार्क – खुशखेड़ा(अलवर)
10. मेगा टैक्स टाइल्स कलस्टर – भीलवाड़ा
इन्लैण्ड कन्टेनर डिपो(ICD)/शुष्क बन्दरगाह
सहयोग – राजस्थान लघु उद्योग निगम
स्थित
1. मानसरोवर, जयपुर
2. भिवाड़ी, अलवर
3. बोरानाड़ा, जोधपुर
4. भीलवाड़ा
खेमली(उदयपुर) निर्माणाधीन
एयर कारगो काम्पलेक्स
सहयोग – राजस्थान लघु उद्योग निगम(राजसिको)
स्थित – सांगानेर, जयपुर
राजस्थान में स्थित केन्द्रीय उपक्रम
1. हिन्दुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड(HMT) अजमेर
घड़ी बनाने का कारखाना
चैक गणराज्य की सहायता से स्थापित
2. हिन्दुस्तान कापर लिमिटेड, झुन्झुनू खेतड़ी
यू. एस. ए. के सहयोग से स्थापित
3. हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड
1. देबारी, उदयपुर
2. चन्दैरीया, चित्तौड़गढ़
4. हिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड, सांभर जयपुर
5. इन्स्टूमेंशन लिमिटेड – कोटा
सहायक इकाई – राजस्थान इलै. एण्ड इन्ट्रुमेंशन लिमिटेड
नोट -सर्वाधिक औद्योगिक इकाईयों वाले जिले – 1. जयपुर 2. अलवर
सबसे कम औद्योगिक इकाईयों वाला जिला – हनुमानगढ़
राजस्थान में मध्यम एवम् वृहत औद्योगिक इकाईयों की दृष्टि से बड़ा जिला – अलवर व भीलवाड़ा
भारत की औद्योगिक नगरी – कानपुर
राजस्थान में औद्योगिक नगरी – कोटा
राजस्थान मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी – भीलवाड़ा
भारत में मैनचेस्टर/टैक्सटाइल्स सीटी – अहमदाबाद, मुम्बई
कांच उद्योग
1. सेन्ट गोबेन – भिवाड़ी(अलवर)
2. सेमकोर – कोटा
3. हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री – धौलपुर
4. धौलपुर ग्लास फैक्ट्री – धौलपुर
उर्वरक उद्योग/खाद के कारखाने
1. राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजस लिमिटेड – कपासन, चित्तौड़गढ़(डी. ए. पी. का कारखाना)
2. चम्बल फर्टिलाइजस लिमिटेड – गढ़ेपान, कोटा(गैस पर आधारित)
3. श्री राम कैमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजस लिमिटेड – श्री रामनगर, कोटा
4. जिंक स्मेल्टर – देबारी, उदयपुर
चीनी उद्योग
1. द मेवाड़ शुगर मिल्स लिमिटेड – भोपाल सागर, चित्तौड़गढ़
नीजि क्षेत्र में कार्यरत, राजस्थान की प्रथम चीनी मिल्स – 1932
2. गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड – कमिनपुरा, गंगानगर
3. केशवरायपाटन सहकारी शुगर मिल्स लिमिटेड – केशवरायपाटन, बूंदी(सहकारी क्षेत्र में)
आटोमोबाइल इण्डस्ट्रीज
1. होण्डा सिएल – खुशखेड़ा(अलवर)
2. हीरो कार्प – नीमराना(अलवर)
टायर इण्डस्ट्रीज: जे. के. टायर – कांकरोली, राजसमंद
रसायन कारखाना: राजस्थान स्टेट केमिकल्स वक्र्स लिमिटेड – डीडवाना(नागौर)
रेल्वे वैगन कारखाना
1. सिमको बिरला वैगन फैक्ट्री – भरतपुर
2. वैगन फैक्ट्री – कोटा
ऊन कारखाना
1. स्टेट वुलन मिल्स लिमिटेड – बीकानेर
2. वस्टैड स्पीनिंग मिल – चूरू
3. वस्टैड स्पीनिंग मिल – लाडंनू(नागौर)
सीमेन्ट उद्योग
राजस्थान में सर्वाधिक संभावना वाला उद्योग – 1. पर्यटन उद्योग, 2. खनन उद्योग, 3. सीमेन्ट उद्योग
राजस्थान में कुल सीमेन्ट प्लांट – 60
सर्वाधिक सीमेन्ट उत्पादन –
विश्व में – 1. चीन, 2. भारत
भारत में – 1. राजस्थान, 2. मध्यप्रदेश
राजस्थान में – 1. चित्तौड़गढ़, 2. सिरोही
सफेद सीमेन्ट कारखाने
1. ग्रासिम बिरला व्हाइट सीमेन्ट – खरिया खंगार, तहसील – भोपालगढ़, जोधपुर
विश्व का सबसे बड़ा सफेद सीमेन्ट कारखाना: 2. जे.के. व्हाइट – मांग्लोर, चित्तौड़गढ़
3. जे.के. व्हाइट – गोटन, नागौर
राजस्थान में प्रथम सीमेंट कारखाना – 1915 में लाखेरी बूंदी में स्थापित हुआ।
राजस्थान के प्रमुख सीमेंट कारखाने
1. ए. सी. सी. लिमिटेड – लाखेरी, बूंदी
2. जे. के. सीमेन्ट – निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़
3. मंगलम सीमेन्ट – मोडक, कोटा
4. गुजरात अम्बुजा सीमेंट – पाली
5. बिनानी सीमेंट – पिन्डवाड़ा, सिरोही
6. महालक्ष्मी सीमेन्ट – पिन्डवाडा, सिरोही
7. बिरला जूट – चित्तौड़गढ़
8. श्री सीमेन्ट – ब्यावर, अजमेर
9. श्री राम सीमेन्ट – श्री रामनगर, कोटा
10. ग्रासिम सीमेन्ट – कोटपूतली, जयपुर
सूती वस्त्र उद्योग
ये राजस्थान का सबसे प्राचीन तथा संगठित उद्योग है।
सूती वस्त्र उद्योग की शुरूआत दामोदर दास द्वारा 1889 में ब्यावर में द कृष्णा मिल स्थापित करके की गई थी।
राजस्थान में सहकारी सूती मिल – 3
1. गंगापुर – भीलवाड़ा में
2. गुलाबपुरा – भीलवाडा में
3. हनुमानगढ़ में
सर्वाजनिक क्षेत्र में तीन मिल
1. महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर
2. एडवर्ड मिल्स लिमिटेड, ब्यावर अजमेर
3. विजय काटन मिल्स लिमिटेड, विजयनगर अजमेर
प्रमुख नीजि सुती मिलें
1. द कृष्णा मिल्स लिमिटेड, ब्यावर, अजमेर
राजस्थान की प्रथम सुती मिल, 1889 में
2. मेवाड़ टैक्सटाइल मिल्स लिमिटेड – भीलवाड़ा(1938)
3. महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड – पाली(1942)
4. राजस्थान स्पीनिंग एण्ड विविंग मिल्स लिमिटेड – भीलवाड़ा(1960)