डेली करेंट अफेयर्स – 02 सितंबर 2020

इंद्र युद्धाभ्यास 2020

चर्चा में क्यों?

  • भारतीय नौसेना अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास रूस के साथ एक बड़े नौ सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगी।
इंद्र युद्धाभ्यास 2020 (Indra 2020)

इंद्र युद्धाभ्यास 2020 से संबन्धित जानकारी

  • भारत और रूस की नौ सेनाएँ बंगाल की खड़ी में चार से पाँच सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में एक बड़ा सैन्य अभ्यास करेंगी।
  • सुरक्षा के क्षेत्र में उभरती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों की नौसेनाओं की क्षमता को और विकसित करने के लिए यह सैन्य अभ्यास किया जा रहा है।
  • यह अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है जब भारत, पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की स्थिति में है।
  • इंद्र अभ्यास पहले रूस के व्लादिवोस्तक में आयोजित किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे ताल दिया गया था।
  • इस नौसैनिक अभ्यास में रूसी युद्धपोत एडमिरल विनोग्रादोव, एडमिरल त्रिबुत्स और बोरिस बुतोसा के अलावा हेलिकॉप्टरों का बेड़ा भी भाग लेगा।
  • इसमें भारतीय नौसेना के युद्धपोत रणविजय, सह्याद्रि, किल्टान, शक्ति और हेलिकॉप्टर भाग लेंगे।

इंद्र युद्धाभ्यास (INDRA exercises) के बारे में

  • इंद्रा नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी।
  • 2017 के बाद से दो वर्षों में एक बार संयुक्त रूप से तीनों सेना का अभ्यास इंद्र (INDRA) आयोजित किया जा रहा है।
  • 2019 में गोवा में तीनों सेनाओं के इंद्र युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था।

समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue – AGR)

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue- AGR) के मामले में टेलिकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है । समायोजित सकल राजस्व पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में टेलिकॉम कंपनियों को बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों को बकाया राशि का 10 फीसदी एडवांस में चुकाना होगा। फिर हर साल समय पर किस्त चुकानी होगी। इसके लिए कोर्ट ने 7 फरवरी समय तय किया है। कंपनियों को हर साल इसी तारीख पर बकाया रकम की किस्त चुकानी होगी। ऐसा न करने पर ब्याज देना होगा।
  • गौरतलब है कि कुल बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) 1.69 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने केवल 30,254 करोड़ रुपये चुकाये हैं।
  • टेलिकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को चुकाने के लिए 15 वर्ष का समय मांगा था, किन्तु कोर्ट ने उन्हे 10 वर्ष का समय दिया है।
समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue - AGR)

क्या होता है समायोजित सकल राजस्व?

  • समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue- AGR), एक प्रकार का उपयोग और लाइसेंस शुल्क है ।
  • एजीआर को दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) द्वारा दूरसंचार कंपनियों या ऑपरेटरों पर लगाया जाता है।
  • वर्तमान में दूरसंचार विभाग द्वारा एजीआर की दर 3.5%-8% के मध्य निर्धारित की गई है।
  • भारत में एजीआर को राष्ट्रीय दूरसंचार नीति,1999 के सिद्धांतों के अनुरूप लगाया जाता है।

क्या होता है समायोजित सकल राजस्व विवाद का मुद्दा?

  • एजीआर की परिभाषा को लेकर दूरसंचार विभाग और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के विवाद का मुद्दा है।
  • दूरसंचार विभाग का कहना है कि एजीआर में दूरसंचार और गैर- दूरसंचार(जैसे-जमाराशियों पर ब्याज , संपत्ति विक्रय से प्राप्त आय आदि ), दोनों सेवाओं से प्राप्त होने वाले राजस्व को शामिल किया जाना चाहिये। लेकिन दूसरी तरफ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का कहना है कि समायोजित सकल राजस्व में उनकी मुख्य सेवाओं अर्थात दूरसंचार सेवाओं से प्राप्त राजस्व को ही शामिल किया जाना चाहिये; इसमें गैर-दूरसंचार सेवाओं, यथा – किसी निवेश या अचल संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त लाभांश, ब्याज आय या लाभ आदि को शामिल नहीं किया जाना चाहिए ।
  • दूरसंचार विभाग की एजीआर गणना प्रक्रिया के खिलाफ दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपील प्राधिकरण (Telecom Disputes Settlement and appellute tribunal-TDSAT) में चुनौती दी।
  • दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपील प्राधिकरण (Telecom Disputes Settlement and appellute tribunal-TDSAT) ने वर्ष 2015 में अपना फैसला सुनाया। इस फैसले में प्राधिकरण ने कहा कि एजीआर गणना प्रक्रिया में गैर-दूरसंचार सेवाओं से प्राप्त आय को शामिल नहीं किया जा सकता है अर्थात दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के पक्ष में फैसला आया।
  • दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपील प्राधिकरण के निर्णय के विरुद्ध दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में इस पर फैसला सुनाया । सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णया में दूरसंचार विभाग के पक्ष को सही माना और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को दूरसंचार विभाग की एजीआर गणना प्रक्रिया के मुताबिक ही बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) जमा करने को कहा; जिसके लिए इन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 15 वर्ष का समय मांगा था ।

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